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Read this article in Hindi to learn about:- 1. Meaning and Necessity of Accountability 2. Accountability to Whom? 3. Types.
जवाबदेही का अर्थ एवं आवश्यकता (Meaning and Necessity of Accountability):
प्रशासनिक व्यवहार का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ‘जवाबदेही’ है । वर्तमान में लोक प्रशासन की प्रमुख भूमिका इसे जवाबदेह बनाने की है । प्रशासन तन्त्र या नौकरशाही का कार्यक्षेत्र निरन्तर बढ़ने के साथ जवाबदेही निर्धारित करना आवश्यक हो गया है ।
किसी भी अधिकारी को अपने कार्यक्षेत्र में दायित्वों के सफल निष्पादन हेतु कुछ अधिकार सौंपे जाते हैं । इन अधिकारों व शक्तियों का प्रयोग करने में वह पूर्णतया स्वतन्त्र नहीं होता है वरन् उसे सौंपने वाली सत्ता के प्रति जवाबदेही करनी होती है ।
लोक प्रशासन में ‘जवाबदेही’ से तात्पर्य कर्मचारियों के उन कार्यों से है जिनके प्रति वह पूर्णरूपेण उत्तरदायी होते हैं । लोक प्रशासन में ‘जवाबदेही’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम संयुक्त राज्य अमेरिका के कार्ल फ्रेडरिक एवं हरबर्ट फाइनर के लेखों से प्राप्त हुआ है । कार्ल फ्रेडरिक की मान्यतानुसार प्रशासन के क्षेत्र में यह जवाबदेही होना ही है जो कि लोक सेवकों को अधिक कुशल बनाकर उन्हें जनहित के लिये प्रेरित करता है ।
‘जवाबदेहिता’ के कारण ही उसकी अन्तरात्मा उसे अनुचित मार्ग पर जाने से रोकती है । हरबर्ट फाइनर के विचार कार्ल फ्रेडरिक से कुछ अलग हैं । हरबर्ट फाइनर की मान्यतानुसार- ”व्यक्ति की अन्तरात्मा नहीं वरन् नियम विनियम आदि व्यक्ति को अनुचित मार्ग पर जाने से रोकते हैं । इसी धारणा को दृष्टिगत रखते हुए लोक प्रशासकों के व्यवहार को नियन्त्रित करने हेतु आचार संहिताएँ तैयार की गई ।”
सन् 1969 में एमेट रेडफोर्ड (Emette Redford) ने अपनी पुस्तक ‘लोकतन्त्र और लोकसेवा’ में इसी तथ्य का उल्लेख किया है । उनके अनुसार लोकतन्त्र में नियन्त्रण की प्रक्रिया जनप्रतिनिधियों से लेकर उन लोक सेवकों तक होनी चाहिये जो कि राज्य-प्रदत्त सत्ता का प्रयोग करते हैं ।
जहाँ तक जवाबदेहिता की आवश्यकता का प्रश्न है, लोक प्रशासन के सन्दर्भ में यह प्रश्न सदैव विवादित रहा है कि प्रशासकों अथवा लोक प्रशासकों द्वारा किया गया कार्य किसके प्रति उत्तरदायी हो- जनता के प्रति अथवा शासन के प्रति ।
लोक प्रशासन में जवाबदेही की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न होती है:
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(1) लोक सेवकों को व्यक्तिगत नहीं वरन् सार्वजनिक हित को महत्व देना चाहिये ।
(2) लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सरल मानक निर्धारित किये जाने चाहिये । उन मानकों को दृढ़तापूर्वक व्यवहार में लाना चाहिये ।
(3) निर्धारित लक्ष्य को निश्चित समय में पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिये ।
(4) प्रशासनिक संस्थानों के प्रति जनसाधारण के विश्वास को बढ़ाना ।
जवाबदेही किसके प्रति ? (Accountability to Whom?)
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जवाबदेही को दो वर्गों में विभक्त किया जा सकता है:
(1) बाह्य जवाबदेही (External Accountability):
बाह्य जवाबदेही निम्नलिखित के प्रति होती है:
(a) संविधान के प्रति (To Constitution):
संविधान किसी भी राष्ट्र के शासन संचालन का महत्वपूर्ण स्रोत है । सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएँ संविधान के प्रावधानों पर आधारित होती हैं ।
(b) कार्यपालिका के प्रति (To the Executive):
शासन-व्यवस्था चाहे संसदात्मक हो या अध्यक्षात्मक दोनों में प्रशासन की जवाबदेही समान होती है ।
(c) न्यायपालिका के प्रति (To Judicial):
न्यायपालिका को प्रशासनिक कार्यों की वैधानिकता की जाँच का अधिकार होता है । नागरिकों के हितों की रक्षार्थ न्यायपालिका कारगर कदम उठा सकता है । इस प्रकार प्रशासक न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह होते हैं ।
(d) जनप्रतिनिधियों के प्रति (To Public Representatives):
लोकतन्त्र में प्रशासन जनता के प्रति उत्तरदायी होता है । संसदीय व्यवस्था में शासन अप्रत्यक्ष रूप से जनता के प्रति उत्तरदायी होता है । उसकी जवाबदेही जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति होती है ।
(e) मीडिया के प्रति (To Media):
मीडिया को ‘शासन का चौथा स्तम्भ’ कहा जाता है । मीडिया प्रशासनिक धोखेबाजी व घोटालों का पर्दाफाश करता है ।
(2) आन्तरिक जवाबदेही (Internal Accountability):
आन्तरिक जवाबदेही निम्नलिखित के प्रति होती है:
(a) संगठन में उच्चाधिकारियों के प्रति,
(b) व्यक्तिगत कुशलता के प्रति,
(c) अन्तरात्मा के प्रति ।
जवाबदेही के प्रकार (Types of Accountability):
जवाबदेही एक ऐसा प्रेरक बल है जो प्रशासनिक अधिकारियों को लोक सेवा सम्बन्धी गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिये दवाब उत्पन्न करता है ।
सामान्यतया जवाबदेही के निम्नलिखित प्रकार देखने को मिलते हैं:
(1) राजनीतिक जवाबदेही (Political Accountability):
सभी प्रकार के लोकतन्त्रों में लोक प्रशासन, राजनीतिक सत्ता की सर्वोच्चता को स्वीकार करने के लिये बाध्य होता है ।
(2) वैधानिक जवाबदेही (Legal Accountability):
प्रशासन को अपने दायित्वों का निर्वाह-निर्धारित नीतियों एवं कानूनों के अन्तर्गत ही करना होता है । ऐसा न करने पर न्यायिक कार्यवाही की जा सकती है ।
(3) सांगठनिक जवाबदेही (Organizational Accountability):
पारम्परिक रूप से प्रचलित पदसोपानीय व्यवस्था में प्रत्येक नीचे का पद अपने से ऊपर के पद के प्रति जवाबदेह होता है ।
(4) नैतिक जवाबदेही (Moral Accountability):
प्रशासनिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार बढ़ने के साथ-साथ लोक प्रशासन पर नैतिक जवाबदेही की माँग को लेकर भी दबाव बढ़ रहा है ।
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(5) व्यावसायिक जवाबदेही (Commercial Accountability):
वर्तमान में प्रशासन का कार्यक्षेत्र अत्यन्त विस्तृत हो गया है । ऐसे में अक्सर व्यावसायिक विशेषज्ञों की भी सलाह लेनी पड़ती है जनहित के सम्बन्ध में परामर्श देते समय इन विशेषज्ञों का दृष्टिकोण अपने सम्बन्धित व्यावसायिक क्षेत्र से प्रभावित होता है ।
अत: आवश्यकता इस बात की है कि प्रशासकों तथा व्यावसायिक विशेषज्ञों के दृष्टिकोणों में व्यापक सन्तुलन स्थापित किया जाये । व्यावसायिक विशेषज्ञों की जवाबदेही जनहित के आधार पर निर्धारित होनी चाहिये ।
वर्तमान में जवाबदेही को सार्थक बनाने के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं । इसके साथ ही लोक प्रशासन के क्षेत्र में कई नये दृष्टिकोणों का विकास हुआ है । अब ‘लोक प्रशासन’ को एक ‘व्यावसायिक प्रशासन’ (Business Administration) के रूप में देखा जाने लगा है ।
इस नवीन दृष्टिकोण के आधार पर प्रशासनिक एवं व्यावसायिक प्रतिमानों को मिलाकर मानव प्रगति की सम्भावनाओं में अधिकाधिक वृद्धि की जा रही है इस नवीन परिप्रेक्ष्य में जवाबदेही का प्रश्न अनेक राजनीतिक, व्यावसायिक, संगठन एवं तकनीक सम्बन्धी चुनौतियों से घिर गया है । प्रशासन का राजनीतिकरण भी एक चिन्ताजनक विषय बन गया है ।