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Read this article in Hindi to learn about:- 1. Meaning of Decentralization 2. Arguments in Favour of Decentralization 3. Merits 4. Demerits.
विकेन्द्रीकरण का अर्थ (Meaning of Decentralization):
विकेन्द्रीकरण की अवधारणा केन्द्रीकरण के विपरीत है । इसमें निर्णय-शक्ति के केन्द्र अपेक्षाकृत कहीं अधिक होते हैं । विकेन्द्रीकरण में प्रशासन की निर्णय-शक्ति संगठन के विभिन्न स्तरों पर विभाजित कर दी जाती है । संगठन की निम्न स्तरीय इकाइयों को मुख्यालय की पूर्व अनुमति के बिना ही विभिन्न विषयों के सम्बन्ध में निर्णय लेने का अधिकार होता है । सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय ही केन्द्र के पास रहते हैं ।
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अवस्थी एवं माहेश्वरी ने विकेन्द्रीकता की अवधारणा को दो भागों में विभक्त किया है:
1. राजनीतिक विकेन्द्रीकरण (Political Decentralization)- इसके अन्तर्गत शासन के नए स्वरूपों की स्थापना की जाती है ।
2. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण (Administrative Decentralization)- जनता की प्रशासन में भागीदारी सुनिश्चित की जाती है । भारत में ‘पंचायती राज’ प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण का सर्वोत्तम उदाहरण है ।
विकेन्द्रीकरण को प्रभावित करने वाले वही तत्व हैं जो कि केन्द्रीकरण के निर्धारक तत्व कहलाते है ।
विकेन्द्रीकरण के पक्ष में तर्क (Arguments in Favour of Decentralization):
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विकेन्द्रीकरण के पक्ष में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये जा सकते हैं:
1. मितव्ययिता (Economy):
यह कथन कि केन्द्रीकरण के द्वारा मितव्ययिता व कार्यकुशलता बढ़ जाती है, सदैव सत्य सिद्ध नहीं होता है । सावधानीपूर्वक कार्य करने एवं योग्य प्रतिभा की खोज करने पर विकेन्द्रित शासन भी मितव्ययी एवं कुशल सिद्ध हो सकता है ।
2. स्थानीय समस्याओं का उचित समाधान (Proper Solution of Local Problems):
केन्द्रीकरण में केन्द्र पर अत्यधिक कार्यभार होने के कारण स्थानीय समस्याओं की ओर उचित ध्यान नहीं दिया जाता है, जबकि विकेन्द्रित व्यवस्था में स्थानीय स्तर पर भी निर्णय-शक्ति प्राप्त होती है, अत: स्थानीय समस्याओं को समझ पाना एवं उनका समुचित समाधान कर पाना सम्भव होता है ।
3. स्वावलम्बन को प्रोत्साहन (Encouragement to Self-Dependence):
केन्द्रीकरण में स्थानीय निकाय अथवा निम्न स्तर पूर्णतया केन्द्र पर आश्रित रहते हैं, अत: स्वावलम्बन का प्रश्न ही नहीं उठता है । इसके अतिरिक्त, विकेन्द्रीकरण में स्वावलम्बन की भावना को प्रोत्साहित किया जाता है ।
विकेन्द्रीकरण के गुण (Merits of Decentralization):
विकेन्द्रीकरण के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
1. जनता को राजनीतिक कार्यों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है ।
2. प्रशासन के नियम परिवर्तित परिस्थितियों एवं जनता की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तित किये जा सकते हैं ।
3. संगठन में सत्ता के वितरण से विलम्ब एवं लाल फीताशाही जैसी बुराइयाँ नहीं पनप पाती हैं ।
4. सत्ता प्रत्यायोजन से निम्न अधिकारियों में उत्तरदायित्व की भावना पनपती है । इससे उनका मनोबल उच्च होता है ।
5. प्रशासन के कार्यों में नवीन प्रयोग करने की सम्भावना बनी रहती है ।
6. विकेन्द्रीकरण में निम्न अधिकारियों को निर्णय-निर्माण की सत्ता प्राप्त होती है जिससे उनके अन्दर आत्मविश्वास की वृद्धि होती है तथा संगठन के प्रति उनकी निष्ठा बनी रहती है ।
7. प्रतिकुल परिस्थितियों के लिये भी यह व्यवस्था लाभप्रद है । लोगों को स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों के अनुसार शीघ्र निर्णय लेने की स्वतन्त्रता होती है ।
8. यह व्यवस्था प्रजातन्त्र के नियमों के अनुकूल है क्योंकि इसमें जनता की पूर्ण भागीदारी होती है । साथ ही निरंकुशता की प्रवृत्तियों पर नियन्त्रण स्थापित होता है ।
विकेन्द्रीकरण के दोष (Demerits of Decentralization):
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विकेन्द्रीकरण व्यवस्था में पाये जाने वाले दोष निम्नलिखित हैं:
1. स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता में वृद्धि हो जाती है । कई बार उनके द्वारा गलत निर्णय भी ले लिये जाते हैं जिनका संगठन की एकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
2. विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों द्वारा भिन्न-भिन्न कार्य किये जाते हैं जिससे संगठन की एकरूपता समाप्त होती है ।
3. स्थानीय हितों में फँसे रहने के कारण राष्ट्रीय हितों की अवहेलना होती है । साथ ही राष्ट्रीय नीति निर्माण में भी कठिनाई आती है ।
4. विभिन्न स्तरों पर कार्मिकों की व्यवस्था करने में धन का भी अपव्यय होता है ।