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Read this article in Hindi to learn about:- 1. Elements of Delegation 2. Need of Delegation 3. Kinds 4. Limits.
प्रत्यायोजन के तत्व (Elements of Delegation):
प्रत्यायोजन के अन्तर्गत तीन प्रमुख बातें सम्मिलित हैं अर्थात् प्रत्यायोजन के तीन प्रमुख तत्व निम्नलिखित है:
1. अधिकारों को सौंपना (Assignment of Rights):
प्रत्यायोजन से तात्पर्य अधिकारों व कर्त्तव्यों को सौंपने से है । यदि किसी अधीनस्थ कर्मचारी से कोई कार्य सम्पन्न कराना है तो उस कार्य को सम्पन्न कराने के लिए आवश्यक सत्ता भी सौंपी जानी चाहिए । सत्ता हस्तानारण के अभाव में कार्य निष्पादन सम्भव नहीं हो सकता है ।
2. कार्यों का वितरण (Assignment of Duties):
उच्च अधिकारी अकेले ही समस्त कार्य का सम्पादन नहीं कर सकता है । अत: अधीनस्थों के मध्य कार्यों व दायित्वों का वितरण एक आवश्यक प्रक्रिया है । उच्च अधिकारी निर्धारित करता है कि किस व्यक्ति को क्या कार्य सौंपा जाना है ।
3. उत्तरदायित्व का निर्धारण (Executing Responsibilities):
अधिकारों व कर्त्तव्यों को सौंपने के बाद उत्तरदायित्व का निर्धारण करना भी आवश्यक है । अधीनस्थों का उत्तरदायित्व उन उच्च अधिकारियों के प्रति होता है जिनसे इन्हें अधिकार एवं कर्त्तव्य प्राप्त होते हैं ।
प्रत्यायोजन की आवश्यकता (Need for Delegation):
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प्रत्यायोजन की आवश्यकता के लिए प्रमुख रूप से निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं:
1. कार्यभार की अधिकता होने पर कार्य-विभाजन अथवा श्रम विभाजन अति आवश्यक हो जाता है अन्यथा कार्यों को निष्पादित करने में मितव्ययिता व कुशलता नहीं रह जाती है ।
2. समय के साथ संगठनों में तकनीकी जटिलतायें आती रही हैं जिनसे निपटने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है । ऐसे में उच्च अधिकारी के लिए आवश्यक हो जाता है कि वह तकनीकी विषयों को विशेषज्ञों को प्रत्यायोजित करें ।
3. उच्च अधिकारी द्वारा अधीनस्थों को सत्ता प्रत्यायोजन करने पर ही उनके मनोबल में वृद्धि होती है तथा उन्हें सीखने व अनुभव प्राप्ति का अवसर प्राप्त होता है ।
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4. परिवर्तित परिस्थितियों में प्रत्यायोजन के माध्यम से संगठन में जड़ता व रूढ़िवादिता को दूर कर लचीलापन लाया जा सकता है ।
5. उच्चाधिकारी के प्रमुख दायित्वों में ‘नियोजन’ व ‘नीति निर्धारण’ प्रमुख है । इन दायित्वों को वह सफलतापूर्वक तभी कर सकता है, जबकि अन्य कार्यों को वह अधीनस्थों को प्रत्यायोजित कर देता है ।
6. प्रत्यायोजन के परिणामस्वरूप ही इस बात का मूल्यांकन करना सम्भव होता है कि अधीनस्थों में कितनी प्रतिभाव लगन है ? प्रत्यायोजन के द्वारा ही अधीनस्थों में उन गुणों का विकास हो पाता है जिससे कि वे भविष्य में कुशल प्रबन्धक बन पाते हैं ।
7. एक उच्च पदाधिकारी द्वारा पद छोड़ने के पश्चात् अनुभवी व योग्य प्रशासक पद सँभालने के लिए पहले से ही तैयार रहता है । किसी भी उच्चाधिकारी के उत्तराधिकारी को तैयार करने का सबसे प्रभावी तरीका प्रत्यायोजन ही है ।
प्रत्यायोजन के प्रकार (Kinds of Delegation):
प्रत्यायोजन निम्नलिखित रूपों में किया जा सकता है:
1. आंशिक तथा पूर्ण प्रत्यायोजन (Partial and Complete Delegation):
मात्रा के आधार पर सत्ता का प्रत्यायोजन पूर्ण अथवा आंशिक हो सकता है ।
2. प्रतिबन्धित तथा अप्रतिबन्धित प्रत्यायोजन (Restricted and Non-Restricted Delegation):
किसी भी शर्त के आधार पर किये गये प्रत्यायोजन में शर्त का पालन न होने पर सत्ता वापस ली जा सकती है । यह प्रतिनिधित्व प्रत्यायोजन कहलाता है । अप्रतिबन्धित प्रत्यायोजन में ऐसा नहीं है ।
3. औपचारिक तथा अनौपचारिक प्रत्यायोजन (Formal and Informal Delegation):
किसी भी संगठन में नियमों के अन्तर्गत किया गया प्रत्यायोजन औपचारिक कहलाता है । अनौपचारिक प्रत्यायोजन आपसी सम्बन्धों के आधार पर किया जाता है ।
4. निम्नगामी, उर्ध्वगामी तथा बहिर्गामी प्रत्यायोजन (Downward, Upward and Outward Delegation):
निम्नगामी प्रत्यायोजन में सत्ता अपने अधीनस्थों को सौंपी जाती है उर्ध्वगामी प्रत्यायोजन में सत्ता का हस्तान्तरण ऊपर की ओर होता है बहिर्गामी में सत्ता प्रत्यायोजन बाहर की ओर होता है जैसे कि भूमि दान ।
5. प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष प्रत्यायोजन (Direct and Indirect Delegation):
प्रत्यक्ष प्रत्यायोजन में कोई मध्यस्थ नहीं होता है जबकि अप्रत्यक्ष प्रत्यायोजन में सत्ता का हस्तान्तरण किसी तीसरे व्यक्ति के माध्यम से होता है ।
प्रत्यायोजन की सीमाएँ (Limits of Delegation):
प्रत्यायोजन की भी कुछ सीमाएँ होती हैं अर्थात कुछ अधिकारों का प्रत्यायोजन सम्भव नहीं है ।
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ये अधिकार निम्नलिखित हैं:
1. तत्काल अधीनस्थ कर्मचारियों के नाम का निरीक्षण व नियन्त्रण ।
2. नियम विनियम बनाने का अधिकार ।
3. नई नीतियाँ व नई योजनाएँ बनाना ।
4. उच्च स्तर की नियुक्ति करना एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें । ये अधिकार किसी अन्य को नहीं सौंपे जा सकते हैं ।