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Read this article in Hindi to learn about the top eleven features of new public administration. The features are: 1. Extension of Scope 2. Growth as an Autonomous Discipline 3. Stress on Behavioural Approach 4. Rejection of the Scientific Nature of Public Administration 5. Rejection of Isolation Theory 6. Integrated Study of Public and Private Administration and a Few Others.
Feature # 1. विषय क्षेत्र का विस्तार (Extension of Scope):
परम्परागत लोक प्रशासन अपने विषय-क्षेत्र की दृष्टि से एक राष्ट्र की सीमा तक बँधा हुआ था, किन्तु अब उसकी सीमाएँ अन्तर्राष्ट्रीय हो गई हैं । अब लोक प्रशासन एक अन्त: अनुशासनात्मक विषय बन गया है । नवीन लोक प्रशासन सार्वजनिक नीति-निर्माण एवं सामाजिक मूल्यों की उपलब्धता की दिशा में अग्रसर है । सामुदायिक सेवाओं के प्रबन्ध का गहन अवलोकन व प्रबन्धन अब लोक प्रशासन ही करता है ।
Feature # 2. एक स्वायत्त अनुशासन के रूप में विकास (Growth as an Autonomous Discipline):
परम्परागत लोक प्रशासन में सिद्धान्तों के नाम पर बहुत से उपागमों एवं पद्धतियों का विकास किया गया । एक सामान्य सिद्धान्त का अभाव होने के कारण लोक प्रशासन को एक स्वतन्त्र अनुशासन के रूप में स्वीकार करने में कठिनाई आती थी, किन्तु परिवर्तित परिवेश में लोक प्रशासन को एक नवीन स्वरूप प्रदान करते हुए उसे एक स्वतन्त्र अनुशासन के रूप में स्वीकार किया गया है ।
Feature # 3. व्यवहारवादी दृष्टिकोण पर बल (Stress on Behavioural Approach):
व्यवहारवादी अध्ययन पद्धति के समर्थक विद्वानों की मान्यतानुसार प्रशासन के अध्ययन में इस तथ्य पर विशेष बल दिया जाना चाहिये कि प्रशासन के संगठन में मानव व्यवहार का स्वरूप कैसा हो तथा विविध संगठनों द्वारा अपनी गतिविधियों का संचालन किस प्रकार करें प्रत्येक संगठन में व्यक्तियों द्वारा किया जाने वाला व्यवहार उनके सामाजिक व मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों से प्रभावित होता है मानव व्यवहार से सम्बन्धित इन्हीं तथ्यों का अध्ययन प्रशासन का विषय होना चाहिये ।
Feature # 4. लोक प्रशासन की वैज्ञानिकता से इन्कार (Rejection of the Scientific Nature of Public Administration):
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लोक प्रशासन में अनेक सिद्धान्त होते हुए भी एक सामान्य सिद्धान्त का अभाव है । इसके अतिरिक्त, कई सिद्धान्त ऐसे हैं जो परीक्षण व प्रयोग करने पर खरे नहीं उतरते हैं । यही कारण है कि नवीन लोक प्रशासन के समर्थक लोक प्रशासन को विज्ञान की श्रेणी में रखने की स्वीकृति नहीं देते हैं ।
Feature # 5. पृथक्करण सिद्धान्त को अस्वीकृति (Rejection of Isolation Theory):
परम्परागत लोक प्रशासन के अनुसार राजनीति व प्रशासन के क्षेत्र भिन्न-भिन्न हैं । राजनीति का कार्य नीति-निर्धारण तथा प्रशासन का उसके क्रियान्वयन से सम्बन्धित माना जाता था, किन्तु वर्तमान में नीति-निर्माण व क्रियान्वयन के कार्य को समन्वित रूप में देखा जा रहा है । आधुनिक परिवर्तित आर्थिक व प्रशासनिक परिस्थितियों में राजनेताओं के लिये यह आवश्यक है कि वह प्रशासकों से सभी जटिल विषयों पर गूढ़ मन्त्रणा करें एवं परामर्श लें ।
Feature # 6. लोक प्रशासन व निजी प्रशासन का समन्वित अध्ययन (Integrated Study of Public and Private Administration):
नवीन लोक प्रशासन के द्वारा लोक प्रशासन एवं निजी (व्यक्तिगत) प्रशासन के मध्य अन्तर को कोई महत्व नहीं दिया जाता है । दोनों के लक्ष्य समान रूप से सामाजिक एवं मानवीय विकास से प्रेरित हैं । दोनों प्रकार के प्रशासनों में एक ही प्रकार के सिद्धान्तों एवं व्यवहारों को अपनाया जा सकता है ।
Feature # 7. मूल्य आधारित (Based on Values):
नवीन लोक प्रशासन में कतिपय औचित्यपूर्ण परम्परागत सिद्धान्तों को अपनाने के साथ-साथ व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद के सिद्धान्तों को भी महत्व प्रदान करते हुए उनके अनुरूप मूल्यों की स्थापना की गई है । नवीन लोक प्रशासन मुख्य रूप से सुधारात्मक एवं नैतिकता के मूल्यों पर आधारित है ।
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Feature # 8. जन-भागीदारी (Public Participation):
नवीन लोक प्रशासन में ‘जन-इच्छा’ को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है । जन-इच्छा के अनुरूप ही साधन उपलब्ध कराये जाते हैं । नवीन धारणा के अनुसार प्रशासन (लोक सेवाओं) को प्रभावशाली व उद्देश्यपरक बनाने के लिये आवश्यक है कि प्रशासन जनता की इच्छाओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप हो, प्रशासनिक निर्णय लोकतान्त्रिक विधि से लिये जाएं तथा प्रशासन का अधिकाधिक विकेन्द्रीकरण हो ।
Feature # 9. गतिशील दृष्टिकोण (Flexible Approach):
नवीन लोक प्रशासन के समर्थकों की मान्यतानुसार पदसोपानीय यान्त्रिक व्यवस्था के द्वारा प्रशासनिक कार्यों में बहुत सी रुकावटें आती हैं । ‘पदसोपानीय व्यवस्था’ एवं ‘लाल फीताशाही’ के कारण प्रशासन की प्रासंगिकता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है । अत: इस प्रकार की यान्त्रिक व्यवस्था के स्थान पर ‘गतिशील दृष्टिकोण’ को अपनाया जाना चाहिये तथा वैकल्पिक संरचनाओं का विकास किया जाना चाहिये ।
Feature # 10. परिवर्तन का साधन (Means of Change):
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नवीन लोक प्रशासन की धारणा के अनुसार बिना परिवर्तन के सामाजिक न्याय की प्राप्ति सम्भव नहीं है । प्रशासन को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनकर एक न्यायपूर्ण विषमताओं से रहित एवं शोषण-विहीन समाज की स्थापना की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिये । इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु नीति-निर्माताओं को भी प्रेरित किया जाना चाहिये ।
Feature # 11. ज्ञान के उभरते क्षेत्र (Emerging Fields of Knowledge):
नवीन लोक प्रशासन के द्वारा मुख्यतया पर्यावरणीय, परिस्थितिकीय एवं विकासात्मक तत्वों पर अधिक बल दिया जाता है । इस नवीन धारणा के अनुसार समस्त कार्यक्रम, अध्ययन एवं शोध-कार्य आदि उद्देश्यपरक एवं सामाजिक समस्याओं के सन्दर्भ में होने चाहिये ।